डा. वीरेंद्र पुष्पक हम मतवाले टोली लेकर, निकले स्वच्छ बनाने को। सुंदर वतन रहे अपना, सन्देश यही पहुँचाने को। बच्चे दिल के होते सच्चे, सन्देश लिए मन से अच्छे, माना होते हैं ये कच्चे, निर्मल इन्हें बनाने को। तन स्वच्छ रहे मन स्वच्छ रहे, भारत को स्वच्छ बनाने को। हम मतवाले टोली लेकर निकले स्वच्छ बनाने को। सुंदर वतन रहे अपना सन्देश यही पहुंचाने को।। देश को जागरूक करने खातिर, स्वच्छ भारत अभियान चला है, शौच खुले में कहां भला है, बीमारी का खुला निमन्त्रण, टाले भला ये कहीं टला है। बस यही बात समझाने को। हम मतवाले टोली लेकर निकले स्वच्छ बनाने को। सुंदर वतन रहे अपना सन्देश यही पहुंचाने को।। गांव गांव खुशहाली होगी, खेतों में हरियाली होगी, खिल उठेगा चमन हमारा, प्रफुल्लित हर डाली होगी, घर, पड़ौस, गलियां महकेंगी, निकले चमन बनाने को।। हम मतवाले टोली लेकर निकले स्वच्छ बनाने को। सुंदर वतन रहे अपना सन्देश यही पहुंचाने को।।