वेदप्रकाश अमिताभ समाचार पत्रों के 'संपादकीय' समसामयिक और कालांकित होते हैं। कुछ समय बाद उनके पुनःपाठ की जरूरत या गुंजाइश नहीं होती। लेकिन ऋषभदेव शर्मा रचित 'समकाल से मुठभेड़' (2019) में संकलित संपादकीय टिप्पणियाँ कुछ अलग प्रकृति की हैं। इनमें उठाए गए मुद्दे आज भी जीवंत हैं। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में फरवरी 2019 से लेकर अगस्त 2019 के बीच 'संपादकीय' के रूप में छपी उनकी दैनिक टिप्पणियों में से कुछ को इस कृति में संगृहीत और समायोजित किया गया है। आठ खंडों में व्यवस्थित इस कृति में एक ओर 'मानवाधिकार की पुकार', 'वैश्विक तनाव और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद' तथा 'अफगान समस्या' पर विचार किया गया है, तो दूसरी ओर 'स्त्री प्रश्न' और 'पार्क चलित्तर' को उजागर करने वाली टिप्पणियाँ भी हैं। 'हरित विमर्श' में पर्यावरण-चिंता केंद्रस्थ है और 'खिचड़ी विमर्श' में शेष टिप्पणियाँ समाहित हैं। स्पष्ट है कि 'समकाल से मुठभेड़' की रेंज बहुत व्यापक है, अधिकतर समकालीन चुनौतियाँ और विडंबनाएँ इसमें सहेजी गई हैं। दैनिक समाचार पत...