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विवेकी राय की कहानी ‘बाढ़ की यमदाढ़ में’ पत्रकारीय तत्व

  कोमल सिंह शोधार्थी (हिंदी) शोध केन्द्र राजकीय पी0जी0 काॅलेज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय पत्रकारिता का मूल तत्व है सूचना एकत्र कर उसका प्रसार करना ताकि दूसरे लोगों को सही जानकारी मिल सके। इसी तत्व के साथ पत्रकार की नैतिकता और समाचार की सत्यता व रोचकता समाचार संकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चूंकि कहानीकार विवेकी राय एक पत्रकार भी थे इसलिए उनके कहानी साहित्य में पत्रकारिता की झलक स्पष्ट दिखाई दे जाती है। आलोचना के लिए उनकी कहानी ‘बाढ़ की यम दाढ़’ में कहानी को चुना गया है जो कहानीकार की पुस्तक ‘गूंगा जहाज’ में संकलित है। आलोच्य कहानी का आमुख किसी समाचार की भाँति ही अनोखा प्रतीत हो रहा है- ‘यदि यह कोई कहता कि बाढ़ का तमाम पानी जमकर ठोस चमचमाता हुआ पत्थर हो गया तो उतना आश्चर्य नहीं होता जितना यह सुन कर हुआ कि दूखनराम कोहार की सात सेर दूध देने वाली भैंस रात में किसी ने चुरा ली।’ उपरोक्त पंक्तियों में समाचार सी रोचकता बन गई है। कोई भी पाठक भैंस कहाँ गई? यह जानने के लिए समाचार की भाँति संपूर्ण कहानी पढ़ जाना पसंद करेगा। समाचार को विस्तार देने जैसा ही कहानीकार ने कहानी