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मैं और मेरा विद्यालय


सुधीर राणा
प्रभारी प्रधानाध्यापक
-पू.मा. विद्यालय अकबरपुर आॅवला


प्रकृति श्रेष्ठ कार्य के लिए श्रेष्ठ पर्सन का चुनाव करती है। मैं हृदय से प्रकृति का आभारी हूँ कि उसने अध्यापन जैसे श्रेष्ठ कार्य करने के लिए मेरा चुनाव किया। मैं और मेरी टीम विद्यालय के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं।
पू.मा. विद्यालय अकबरपुर आंवला जनपद बिजनौर (उ.प्र.) के विकास खंड नजीबाबाद की ग्राम पंचायत अकबरपुर आंवला के ग्राम किशनपुर मुरशदपुर लिंक मार्ग पर 29.590 अक्षांश तथा 78.390 देशान्तर पर अवस्थित है। बेसिक शिक्षा परिषद्/शाखा द्वारा 2007 में विद्यालय की स्थापना हुई और 01 जुलाई 2008 से कक्षा 6-8 का संचालन आरम्भ हुआ।
इसके पूर्व ग्राम पंचायत में प्राथमिक स्तर पर सरकारी तथा उच्च शिक्षा के लिये निजी संस्थाएं व मदरसे संचालित थे। सांविधानिक बाल अधिकार के अंतर्गत लागू कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान में इस विद्यालय की स्थापना उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए की गई।
आरंभ में विद्यालय में प्रधानाध्यापक श्री मदनगोपाल टाॅक व श्रीमती सरिता रानी, सहायक अध्यापक दो टीचर नियुक्त हुए तथा लगभग 900 वर्गमीटर में बने विद्यालय में लगभग 60-80 बच्चे अध्ययन करते थे। चार दीवारी न होने तथा असमतल परिसर के कारण गैर शैक्षणिक गतिविधियों तथा अच्छा शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना जटिल रहा पर टीचर्स द्वारा अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों से विद्यालय का नामांकन बढ़कर 100 की संख्या को पार कर गया। 2013 में शासन द्वारा 100 से अधिक नामांकन द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक अनुदेशकों की नियुक्ति की गई थी। इस योजना में आलोक कुमार खेल एवं स्वास्थ्य, शाजिया कला तथा सुमित कुमार (1 वर्ष बाद) कृषि विषय के रूप में नियुक्त हुए। मुस्लिम बहुल गांव होने के कारण वैकल्पिक विषय/भाषा के रूप में अधिकतर बच्चों उर्दू का चयन करते थे। फरवरी 2014 में शबाना उर्दू टीचर की नियुक्ति के बाद सभी विषय-भाषा के टीचर की पूर्ति हुई तथा विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण और सुधरने लगा।
01 जुलाई 2014 को प्रधानाध्यापक मदन गोपाल जी के सेवानिवृत्त होने पर मुझे विद्यालय प्रधानाध्यापक का दायित्व विभाग द्वारा सौंपा गया। इससे पहले मेरा अनुभव 04 वर्ष निजी विद्यालय तथा 13 वर्ष प्राथमिक विद्यालय में अध्ययन कार्य था।
मैंने अपने सभी टीचर्स के साथ पहली बैठक में विद्यालय को आदर्श व प्रगतिशील रूप देने का सपना देखा व इसे करने में तन्मयता के साथ जुट गए। हमारे प्रयासों में खंड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा डायट से उचित दिशा निर्देश तथा ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान श्री सुशील चैहान का पूरा सहयोग मिला।
विद्यालय की विकास यात्रा को असली पंख तब लगे जब वर्ष 2015 में विद्यालय का नामांकन राष्ट्रीय स्वच्छता/बच्चों के व्यवहार परिवर्तन के लिए किया गया। विद्यालय परिसर के ठीक सामने कूड़ी (ग्रामीणों के कूड़े के ढेर) पड़ी होने के कारण हम उक्त पुरस्कार से वंचित कर दिए गए, पर हमने आगे बढ़ने की प्रेरणा ली। समुदाय के तथ प्रशासन के सहयोग से हमने विद्यालय के सामने स्वच्छता अभियान चलाकर कूड़े के स्थान पर खड़ंजा बिछवाया और पौधारोपण किया।
परिसर के ठीक ऊपर से गुजरने वाली 440 वोल्ट की विद्युत लाइन को सड़क पर शिफ्ट कराया। बालक-बालिका के अलग-अलग नए शौचालय, मल्टी हैंड वाश काॅर्नर बनवाए, रसोईघर को नया रूप दिया। एमडीएम टीन शेड का निर्माण कराया। प्रे-ग्राउंड/चबूतरा/मंच तथा लघु वाटिका विकसित की। सबमर्सेबल विद ओवर हैड टैंक तथा इंवरटर से निरंतर निबार्धित पानी व बिजली की सप्लाई प्राप्त होने लगी।
इसमें ग्राम पंचायत से निरन्तर सहयोग मिलता रहा, अब तक विद्यालय भौतिक रूप से नये क्लेवर में आ चुका था।
अगस्त 2016 में विद्यालय का चयन ज्योतिर्गमय योजना के लिए किया गया। इसके 02 वर्ष बाद जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, व बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए विद्यालय को जनद स्तर पर सम्मानित किया गया।
हमारे द्वारा किए गए विशिष्ट प्रयास निम्न प्रकार रहे:-
1. नामांकन:- वर्ष 2014-15 में 108 से बढ़कर वर्तमान में 289 बच्चे नामांकित है।
2. उपस्थिति:- दैनिक उपस्थिति 95 प्रतिशत तक रहती है। वार्षिक उपस्थिति औसत 83 प्रतिशत है।
3. हिंदी पखवाड़ा:- मातृभाषा हिंदी में सभी बच्चे प्रवीण ही इसके लिए प्रतिवर्ष 15 दिन केवल हिंदी लेखन-वाचन-पाठन का आरंभ कराया जाता है।
4. अकादमिक समूह:- सभी बच्चों को कक्षा/सैक्सनवार एवं परिवार/गली अथवा मौहल्ले के अनुसार बिना जाति-धर्म, लिंग भेद किये 3 से 5 बच्चों के समूह में विभाजित कर दिया शर्त केवल ये रही कि वे बेरोकटोक एक-दूसरे के घर आ जा सके। इनका लीडर कक्षा के टाॅप टेन बच्चों में से कोई एक रही।
इसके उद्देश्य निम्न प्रकार रहे-
क. अनुपस्थित बच्चों की सूचना:- उसी दिन प्राप्त होना
ख. अनुपस्थित बच्चों का गृह कार्य:- उसी दिन जाकर पूर्ण कराया जाना
ग. समूह में बैठकर गृह कार्य/ स्वाध्याय करना।
5. प्रोत्साहन:- अनुशासन बनाने के लिए दंड के स्थान पर प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया गया। बैस्ट अटैन्डैन्स, फ्लावर एंड पर्सनैलिटी आॅफ द वीक स्टाॅर आॅफ द मंथ, प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार, परीक्षा में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं टाॅप टैन को पुरस्कार/प्रोत्साहन दिए जाते हैं। साथ ही प्रतिदिन स्कूल आने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी सम्मानित किया जाता है।
6. इकोक्लब:- शासन के आदेशानुसार विद्यालय में एक लघुवाटिका विकसित की गई तथा एक इको समिति बनाई गई जो विद्यालय के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर पेड़-पौधे लगाने तथा लोगों से लगवाने का कार्य एवं देख-रेख का कार्य करती है।
7. आईसीटी/स्मार्ट क्लास:- विद्यालय में कम्प्यूटर एवं प्रोजेक्टर के प्रयोग से स्मार्ट क्लास का संचालन किया जा रहा है। बच्चों को विभिन्न विषयों की जानकारी आॅडियो , विडियो के साथ दी जाती है।
8. स्टूडेंट पुलिस कैडेट:- शासनादेश व कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के आधार पर एसपीसी कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जिसमें बच्चों को सड़क के निमय तथा कानूनी धाराओं की जानकारी दी जाती है।
9. सामाजिक सरोकार एवं स्वच्छता:- विद्यालय अपने सामाजिक सरोकार के लिए आना जाता है, विद्यालय का अपना विशिष्ट अभियान ''स्वच्छ भारत नशामुक्त समाज'' के लिए शपथ, नुक्कड़ बैठके एवं रैलियों का आयोजन किया जाता है।
10. शैक्षिक टूर/आउटिंग:- बच्चों को समय-समय पर आउटिंग के अवसर प्रदान किए जाते हैं। जैसे-बिजनौर, रेडियो स्टेशन, अकाशवाणी, कोटद्वार (कण्व ऋषि आश्रम) आदि स्थानों पर ले आया जाता है।
11. अनुशासन:- विद्यालय का ध्येय वाक्य:- अनुशासन फस्र्ट प्रवेश के समय बच्चों को पानी की बोटल निःशुल्क दी जाती है ताकि बच्चा पानी पीने के बहाने कक्षा छोड़कर बार-बार न भागे।
12. खेल एवं स्वास्थ्य:- विद्यालय में कबड्डी, खो-खो, वैडमिंटन, हाई जंप, पीटी के साथ-साथ स्काउट/गाइड की टीम प्रतिवर्ष बनाई जाती है। जो जिलास्तर तक प्रतिभाग करती है।
13. समय सारिणी में नवीनता:- समय सारिणी में मुख्य धारा के विषयों के अतिरिक्त वाचनालय/पुस्तकालय, गृह विज्ञान, व्यक्तित्व विकास, बागवानी, खेल, योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सामान्य ज्ञान को स्थान दिया गया है एवं समय विभाजन का पालन किया जाता है?
14. पुस्तकालय:- विद्यालय में 1000 से अधिक पुस्तकें सरकारी/व्यक्तिगत प्रयासों से एकत्रित की गई है जो निःशुल्क बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है।
15. अभिभावक संपर्क:- प्रत्येक शनिवार को लगातार या अधिक अनुपस्थित बच्चों के अभिभावकां से सम्पर्क कर समस्या की जानकारी एवं समाधान किया जाता है।
16. संगीतमय असेंबली:- विद्यालय में प्रतिदिन म्यूजिक सिस्टम से प्रेयर, प्रेरणा गीत, राष्ट्रीय गान तथा प्रतिभा मंचन ;2 बच्चों से प्रतिदिन मंच पर बुलाकर कोई भी प्रस्तुति देनाद्ध किया जाता है।
17. मीना मंच:- महिला सशक्तिकरण/बालिका व्यक्तित्व विकास के लिए समय-समय पर वर्कशाॅप आयोजन एवं मीनाक का जन्मदिन मनाया जाता है।
18. भौतिक सुधार:- विद्यालय में अच्छे से रंगाई-पुताई, फ्लैक्स बोर्ड चार्ट, वाइट बोर्ड तथा मिड-डे-मील टीन शेड, वाश बेसिन सबमर्सेबल आदि उल्लेखनीय कार्य कराए गए है।
19. पीएलसी वर्कशाॅप:- जनपद स्तर पर एससीईआरटी के निर्देशन पर डायट द्वारा प्रभावी रूप से चलाए जा रहे पीएलसी कार्यक्रम की प्रभावशाली वर्कशाॅप का आयोजन किया जाता है।
विद्यालय को प्राप्त प्रोत्साहन
1. बेसिक शिक्षा निदेशक महोदय एवं बेसिक शिक्षा सचिव महोदया द्वारा 27 अप्रैल 2019 को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में प्रशस्ति पत्र दिया गया।
2. मंडलायुक्त मुरादाबाद महोदय द्वारा सामाजिक सरोकार के लिए सम्मानित किया गया।
3. ज्योतिर्गमय योजना में अच्छे कार्य के लिए उपजिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी/बेसिक शिक्षा अधिकारी बिजनौर द्वारा सम्मानित।
4. जिला अधिकारी महोदय द्वारा बेस्ट नवाचारी शिक्षक 2018 का पुरस्कार।
5. जिला अधिकारी महोदय द्वारा महिला सशक्तिकरण वर्कशाॅप 2018 में रुपये 15000/- का चैक विद्यालय को दिया गया।
6. राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार 2016-17 में नामांकन-जिले में द्वितीय स्थान।
7. मंडल स्तर पर स्मार्ट क्लास प्रदर्शन।
8. राज्य स्तर पर केस स्टडी, उत्कृष्ट विद्यालय, एवं स्मार्ट क्लास के लिए नामांकन।
9. महा-प्रबंधक जल विगम द्वारा औचक निरीक्षण के समय विद्यालय की व्यवस्था से संतुष्ट होकर रुपए 2100.00 का नकद पुरस्कार।
10. विद्यालय के विभिन्न बच्चों को जिला स्तरीय कई प्रतिस्पधाओं में सम्मानित।
विद्यालय परिवार समस्त बच्चों जो सारी व्यवस्था के केंद्र बिंदु है, अभिभावकों, एसएमसी, ग्राम पंचायत, प्रशासनिक अधिकारियों जिनका समय-समय पर सहयोग मिलता है, विभागीय अधिकारियों/समन्वयकों एवं खंड शिक्षा अधिकारी नजीबाबाद जिनके निर्देशों में संप्रत्तियाँ संभव हो पा रही हैं एवं मित्रों तथा परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता है।
मुझे अपने विद्यालय परिवार पर गर्व है।
सुधीर कुमार, प्रधानाध्यापक (प्रभारी)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय अकबरपुर आंवला,
नजीबाबाद, बिजनौर
E-mail- skrana1774@gmaill.com



ग्राम प्रधान श्री सुशील कुमार चौहान जी के साथ 


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