धनीराम ईमेल- dhaniram1251@gmail.com इस बार महात्मा गांधी की जयंती 'स्वच्छ भारत' अभियान के रूप में मनायी गई। स्वच्छता की आवश्यकता सभी ने महसूस की तो लोगों ने साफ-सफाई के इस नए अभियान को अपने-अपने तरीके से अपनाया। महात्मा गांधी का मानना था कि 'भगवान के बाद स्वच्छता का स्थान है।'यह भी विदित है कि सफाई न होने के कारण बहुत सी बीमारियां होती हैं, जिनके ऊपर बहुत सा पैसा खर्च होता है। उदाहरण के तौर पर भारत में गंदगी के कारण हर नागरिक को वार्षिक लगभग 6500 रुपए की हानि होती है। यह बीमारी के कारण होता है। अगर संपन्न लोगों को इससे दूर कर दिया जाए तो गरीबों पर सालाना 12-13 हजार का बोझ केवल गंदगी के कारण होता है। अगर स्वच्छता हो जाए तो फिर इस पैसे को अन्य कार्यों में लगाया जा सकता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इन पांच वर्षों में 62 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले पांच वर्ष के बाद यानी 2019 में गांधीजी की 150वीं जयंती के मौके पर भारत स्वच्छ देशों की कतार में खड़ा होगा। यहाँ पर हम चर्चा कर रहे हैं कि इस मिशन को कैसे सफल बनाया जा सके, कैसे आम आदमी इस आंदोलन का हिस्सा बन सके? पंचायतों की भू