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रश्मि अग्रवाल एवं गौराश्री आत्रेय की पुस्तकें हुई विमोचित

परिलेख प्रकाशन से प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन


नजीबाबाद
वरिष्ठ समाजसेवी एवं राष्ट्रपती द्वारा सम्मानित लेखिका रश्मि अग्रवाल के कविता संग्रह 'अरी कलम तू कुछ तो लिख' एवं बालिका कवयित्री गौराश्री की पुस्तक 'गौराश्री की कविताएँ' का विमोचन कार्यक्रम आर्यन कान्वेंट स्कूल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ माॅ सरस्वती के समक्ष अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पण के साथ-साथ गौराश्री आत्रेय के सरस्वती वंदना गायन से हुआ।  


कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शायर महेन्द्र अश्क तथा संचालन आलोक कुमार त्यागी ने किया। कार्यक्रम में डाॅ. सुधाकर आशावादी, राजेश मालवीय एवं सुचित्रा मालवीय मुख्य अतिथि रहे।


अनेक पुस्तकें लिखने वाली रश्मि अग्रवाल ने बताया कि यह उनकी प्रथम काव्य पुस्तक है। जिसमें उनकी बीते लगभग दस वर्ष की मेहनत है। उन्होंने इन्द्रदेव भारती को अपना साहित्यिक आदर्श मानते हुए कहा कि लेखन मेहनत मांगता है परंतु प्रतिदिन इतने विषय मिलते हैं यदि जिन पर लिखने बैठो तो लगभग दो घंटे में एक अच्छा सा लेख लिखा जाता है। समाज में घटित होने वाली विभिन्न घटनाएँ और उन पर किया जाने वाला चिंतन यदि कागज पर उतार लिया जाए तो लेखन हो जाता है परंतु इन सब घटनाओं को काव्य रूप् देना कठिन काम है। कभी-कभी तो चार-चार दिन में भी एक पंक्ति नहीं लिखी जाती है और कभी एक दिन में ही पूरी कविता बन जाती है। विभिन्न विष्यों पर कलम चालाने वाली रश्मि अग्रवाल ने कहा कि लेखन हमें सकारात्मक दृष्टिकोण देता है। यदि कभी आपको क्रोध आए तो लिखने बैठ जाईए, इससे आपका क्रोध भी कुछ समय प्श्चात शांत हो जाएगा और किसी का कोई नुकसान भी नहीं होगा।


बाल कवयित्री ने अपनी कविता लेखन का श्रेय अपने विद्यालय एवं अपने परिवार को दिया। इन्द्रदेव भारती ने बताया कि जब मैंने उसकी डायरी देखी थी तब विश्वास नहींं हुआ तो परीक्षण के लिए उसी समय पर सरस्वती वंदना लिखने को कहा। भारती ने बताया कि उस समय मैं हत्प्रभ रह गया जब मात्र पाँच मिनट में सरस्वती वंदना उसने कागज़ पर उतार कर मेरे सामने रख दी। भारती ने गौराश्री की सराहना करते हुए कहा कि दादी का चश्मा और मोबाईल जैसे विषयों पर कविता लिखना गौराश्री की मौलिकता का परिचायक है।


कार्यक्रम को इन्द्रदेव भारती, मनोज मानव, डाॅ. पंकज भारद्वाज, डाॅ. अनिल शर्मा अनिल, रचना शास्त्री, मनोज त्यागी, डाॅ. रजनी शर्मा, डाॅ. एन. पी. शर्मा, डाॅ. एस. के. जौहर,  सत्यप्रकाश मित्तल, बब्बन जैदी आदि ने संबोधित किया। प्रकाशक अमन कुमार 'त्यागी' ने प्रकाशन की उपलब्धियों को गिनाया।


इस अवसर पर अनुपम माहेश्वरी, सुधीर कुमार राणा, धनिराम, गोविन्द सिंह, अशोक शर्मा, अक्षि त्यागी, तन्मय त्यागी, हिमांशु कुमार, लालबहादुर शास्त्री, नंदीनी शर्मा, दिव्या शर्मा, अभिनव आत्रेय, कृष्ण्अवतार वर्मा, डाॅ. वर्षा अग्रवाल, डाॅ. पूनम अग्रवाल, डाॅ. सविता वर्मा, डाॅ. मृदुला त्यागी, सरला शेखावत, नदीम साहिल, आदि उपस्थित रहे।


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