धामपुर उत्तर प्रदेश में स्थित परमहंस बाबा पानपदास जी महाराज की गुरु गद्दी एक प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। जो उनके जीवन, शिक्षाओं और चमत्कारों से नष्ट हो गया है। यह स्थान न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। 🔹बाबा पानपदास जी का जीवन और चमत्कार बाबा पानपदास जी का जन्मस्थान राजस्थान के तिजोरा गाँव में माना जाता है। लगभग 1720 में वे धामपुर आये, जहाँ उन्होंने राजगिरि में एक महल के निर्माण का कार्य किया। एक घटना में, जब एक दीवार तिरछी हो गई, तो उन्होंने केवल उसे सीधा स्पर्श किया, जिससे उनकी आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण मिल गया। इसके बाद महल के सेठ ने उन्हें महल समर्पित कर दिया, जो आज उनकी गुरु गद्दी के रूप में प्रतिष्ठित है। उनकी चमत्कारी तस्वीरों में से एक में, नवाब नजीबुद्दौला ने अपने बेटों की जोड़ी को तोड़ने का ऑर्डर दिया था। आश्चर्यजनक रूप से, बैल स्वयं नवाब के महल में पहुँच गए। एक घटना में, नवाब ने उन्हें अन्य मिठाई के उपहार दिए, जिनमें बाबा ने मिठाई में बदलाव भी शामिल था। जब नायब ने अपना घर ले कर दुकानदार को देखा तो वह फिर से शराब म...
महावीर त्यागी का जन्म 31 दिसंबर 1899 को मुरादाबाद जनपद के ढबारसी गांव में हुआ था। इनके पिता शिवनाथ सिंह जी गांव रतनगढ़ जिला बिजनौर के एक प्रसिद्ध जमींदार थे, इनकी माता जानकी देवी जी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। मेरठ में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान प्रथम विश्व युद्ध के समय वो सेना की इमरजेंसी कमीशन में भर्ती हो गए और उनकी तैनाती पर्सिया (अब ईरान) में कर दी गयी। आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जी से प्रभावित थे। स्वतंत्रता सेनानी महावीर त्यागी एक अनूठे इंसान थे वे 1919 में जलियावाला बाग हत्या कांड के बाद ब्रिटिश सेना के इमरजेंसी कमीशन से त्यागपत्र दे दिया। सेना ने उनका कोर्ट मार्शल कर दिया, उसके बाद वो गांधी जी के साथ देश की आजादी के आंदोलन में कूद गए। अंग्रेजों द्वारा वो 11 बार गिरफ्तार किए गए, एक किसान आंदोलन के दौरान जब उनको गिरफ्तार करके यातनाएं दी गईं तो गांधीजी ने इसके लिए अंग्रेजों की आलोचना यंग इंडिया में लेख लिखकर की। उनका विवाह 26 जुलाई 1925 को बिजनौर जनपद के गांव राजपुर नवादा के जमींदार परिवार की बेटी शर्मदा त्यागी से हुआ था, इनकी तीन पुत्रियां हैं। इनकी पत्नी श...