आरती कुमारी पीएच. डी. हिंदी विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, त्रिपुरा, अगरतला साहित्य के क्षेत्र में अनेक विद्वानों का योगदान रहा हैं, वर्तमान में विभिन्न विषयों से जुड़े, एक नई दृष्टि लिए रचनाकार हमारे समक्ष आ चुके हैं । भारतीय साहित्य में इस्मत चुगताई का भी एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है, जिनका जन्म 21 अगस्त 1915 ई . को बदायूं उत्तरप्रदेश में हुआ था। जिनका पूरा जीवन संघर्षशील तथा समस्याओं से घिरा रहा परंतु कभी भी जिंदगी से हार नहीं मानती,जितना अनुभव जीवन में मिल पाया उसे जीवन के अंत समय तक कभी भूल नहीं पाई । इस्मत चुगताई उर्दू की प्रमुख व प्रसिद्ध लेखिका के रूप में जानी जाती रही हैं , उनकी प्रत्येक रचना विभिन्न भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं । वह एक स्वतंत्र विचारक , निडर , बेखौफ, जिद्दी , जवाबदेही, तार्किक तथा विरोधी स्वभाव की थी जिन्होंने अपने जीवन में उन सभी बातों का विरोध किया जिससे जिंदगी एक जगह थम सी जा रही हो । इस्मत चुगताई का परिवार एक पितृसत्तात्मक विचारों वाला था उसके बावजूद वह अपने परिवार के प्रत्येक सदस्यों से विपरीत रही । स्त्रियों की समस्याओं को लेकर आजा